उत्तर बिहार में 68 नये बिजली सबस्टेशन का निर्माण शुरू

News Desk
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  • विद्युत मांग में हो रही निरंतर वृद्धि और आवश्यकताओं को देखते हुए एनबीपीडीसीएल ने दी स्वकृति

पटना। उत्तर बिहार विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (एनबीपीडीसीएल) ने उत्तर बिहार में विद्युत मांग में हो रही निरंतर वृद्धि, औद्योगिक विस्तार, कृषि क्षेत्र की उन्नति एवं घरेलू उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं को देखते हुए 68 नए बिजली सबस्टेशनों के निर्माण की स्वीकृति दी है। इन पावर सबस्टेशनों की स्थापना से क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति की क्षमता में उल्लेखनीय सुधार होगा और उपभोक्ताओं को अधिक विश्वसनीय, संतुलित एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत सेवा प्राप्त होगी।वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान एनबीपीडीसीएल की ओर से 7.5 लाख से अधिक नए विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें वाणिज्यिक उपभोक्ताओं की संख्या में 1.25 लाख की वृद्धि दर्ज की गई, वहीं औद्योगिक क्षेत्र को और गति देने के लिये लगभग 9000 नए औद्योगिक कनेक्शन निर्गत किए गए हैं। घरेलू उपभोक्ताओं को भी सेवा में तीव्रता और पारदर्शिता के साथ विद्युत सुविधा प्रदान की जा रही है।

कृषि क्षेत्र को विशेष प्राथमिकता देते हुए एनबीपीडीसीएल की ओर से वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 77,000 नए कृषि कनेक्शन जारी किए गए हैं। राज्य सरकार की ‘मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना’ के अंतर्गत किसानों को निःशुल्क कृषि विद्युत कनेक्शन, 92 प्रतिशत तक विद्युत दर पर अनुदान, और कृषि के लिये डेडिकेटेड फीडरों का निर्माण जैसी ऐतिहासिक पहलें की गई हैं। इन प्रयासों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि राज्य के प्रत्येक किसान को सस्ती, सुलभ और समय पर बिजली उपलब्ध हो। इस परियोजना के अंतर्गत 68 नए पावर सबस्टेशनों में से 30 सबस्टेशन भारत सरकार की संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के अंतर्गत स्वीकृत किए गए हैं। इनकी कुल निविदा राशि 353 करोड़ रूपये थी, जबकि कार्य 347 करोड़ रूपये में स्वीकृत हुआ, जो निविदा मूल्य से 1.5 प्रतिशत कम है। वहीं शेष 38 सबस्टेशन राज्य योजना के अंतर्गत स्वीकृत हैं, जिनकी स्वीकृत लागत 417 करोड़ रूपये थी और इन्हें 410 करोड़ रूपये में आवंटित किया गया, जो स्वीकृत लागत से 1.5 प्रतिशत कम है। इस प्रकार, परियोजना के क्रियान्वयन में दक्ष वित्तीय प्रबंधन भी सुनिश्चित किया गया है।

इन विद्युत सबस्टेशनों की स्थापना से न केवल लोड का संतुलन बेहतर होगा और ट्रिपिंग की घटनाएं कम होंगी, बल्कि दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों, कृषि इकाइयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों तथा औद्योगिक उपभोक्ताओं को सशक्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इससे प्रदेश के ऊर्जा परिदृश्य में गुणात्मक सुधार होगा और आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी।जिला प्रशासन की ओर से सभी 68 पावर सबस्टेशनों के लिये मि आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है।

एनबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे ने सभी अधीक्षण अभियंताओं एवं कार्यपालक अभियंताओं को निर्देशित किया है कि सीमांकन की प्रक्रिया तत्काल पूर्ण करते हुए निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ कराया जाए। उन्होंने कहा कि एनबीपीडीसीएल उत्तर बिहार के प्रत्येक उपभोक्ता को गुणवत्तापूर्ण, निर्बाध और विश्वसनीय विद्युत सेवा प्रदान करने हेतु कृतसंकल्पित है। 68 नए पावर सबस्टेशनों की यह परियोजना न केवल ऊर्जा क्षेत्र में एक सशक्त आधारशिला सिद्ध होगी, बल्कि राज्य के कृषि, उद्योग, व्यापार एवं घरेलू उपभोक्ताओं की समृद्धि और सुविधा में भी निर्णायक भूमिका निभाएगी।

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