AIIMS Eye Bank Patna: पटना एम्स में आई बैंक की शुरुआत, अब नेत्र प्रत्यारोपण होगा आसान

नेत्रदान को लेकर बढ़ेगी जागरूकता, एक साथ 100 आंखें सुरक्षित रखने की सुविधा, मरीजों को लंबी वेटिंग लिस्ट से मिलेगा राहत

News Desk
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पटना: बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। पटना एम्स (AIIMS Patna) में अब Eye Bank की सुविधा शुरू हो गई है। इसके बाद यहां कॉर्नियल ट्रांसप्लांट (Corneal Transplant) यानी नेत्र प्रत्यारोपण की प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा आसान और सुलभ हो जाएगी।

एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. सौरभ वार्ष्णेय ने आई बैंक के उद्घाटन पर खुशी जताई और कहा कि इससे दृष्टिहीन मरीजों को रोशनी की नई उम्मीद मिलेगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल बैंक में एक साथ 100 आंखें सुरक्षित रखी जा सकती हैं


हैदराबाद के सहयोग से स्थापित हुआ मॉडर्न आई बैंक

इस आई बैंक की स्थापना हैदराबाद स्थित L.V. Prasad Eye Institute (LVPEI) के सहयोग से की गई है। यह बैंक आधुनिक तकनीकों से लैस है और इसे बिहार सरकार से मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (THOA) के अंतर्गत अनुमति मिली है।


नेत्रदान की मिसाल बने मुंगेर के बुजुर्ग

आई बैंक की शुरुआत के पहले ही दिन एक प्रेरणादायक घटना सामने आई। मुंगेर के 64 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु के बाद उनके परिजनों ने उनका नेत्रदान (Eye Donation) किया। इस नेक कार्य के लिए एम्स के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. डॉ. अनूप कुमार ने परिजनों को प्रशंसा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
आई बैंक प्रभारी डॉ. अमित राज ने उम्मीद जताई कि ऐसे प्रेरक उदाहरणों से और लोग नेत्रदान के लिए आगे आएंगे।


किनका नहीं हो सकता नेत्र प्रत्यारोपण?

डॉ. अमित राज ने जानकारी दी कि 1 से 90 वर्ष की उम्र तक के लोग, जो आवश्यक चिकित्सीय शर्तें पूरी करते हैं, वे नेत्र प्रत्यारोपण के लिए योग्य होते हैं। हालांकि जिन लोगों की जन्म से दृष्टि नहीं है, या जिनकी कॉर्निया सफेद हो चुकी है, उनका प्रत्यारोपण संभव नहीं होता — जब तक कि बाकी सभी शारीरिक स्थितियां अनुकूल न हों।


नेत्रदान करने वालों के लिए संपर्क नंबर जारी

नेत्रदान को प्रोत्साहित करने और प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए डॉ. अमित राज ने संपर्क नंबर जारी किए हैं:

  • मोबाइल: 8544423411

  • लैंडलाइन: 0612-2821202

नेत्रदान से संबंधित किसी भी जानकारी या प्रतिज्ञा के लिए इन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है। एक विशेष टीम इस प्रक्रिया में मदद के लिए तैनात है।


मरीजों की लंबी प्रतीक्षा सूची

एम्स के अनुसार फिलहाल नेत्र प्रत्यारोपण के लिए लंबी वेटिंग लिस्ट बनी हुई है। ऐसे में आई बैंक की शुरुआत से मरीजों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है।


विशेष रूम और तीन टेक्नीशियन की नियुक्ति

आई बैंक के लिए एम्स पटना में विशेष रूम तैयार किया गया है, जहां एक साथ 100 नेत्र सुरक्षित रखे जा सकते हैं। इस कार्य को संभालने के लिए तीन प्रशिक्षित टेक्नीशियन की नियुक्ति की गई है, जो चौबीसों घंटे इस सेवा में लगे रहते हैं।

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