नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कहा कि बीता दशक रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफार्म का रहा है, लेकिन अब हमें और नई ताकत से जुड़ना है। उन्होंने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दिनों हमने कई रिफॉर्म्स किए हैं। उन्होंने कहा, “एफडीआई हो, इंश्योरेंस कंपनी की बात हो, विश्व के विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में स्थान देने की बात हो, कई रिफॉर्म्स किए हैं।”श्री मोदी ने कहा कि 40000 से ज्यादा अनावश्यक नियमों को खत्म किया है। इतना ही नहीं 1500 से अधिक पुराने कानून जो बाबा आदम के जमाने के थे, उन सबको भी खत्म कर दिया गया है। दर्जनों कानूनों को सरल करने के लिए संसद में जाकर के जनता के हितों को सर्वोपरि रख करके बदलाव किए गये हैं। उन्होंने कहा कि इस बार भी हो-हल्ला के बीच लोगों तक बात पहुंची नहीं होगी, लेकिन एक बहुत बड़ा रिफॉर्म इनकम टैक्स एक्ट में हुआ है। करीब 280 से ज्यादा धाराएं समाप्त करने का निर्णय किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ आर्थिक मोर्चे पर ही रिफॉर्म नहीं हुए बल्कि हमने नागरिक के जीवन को भी आसान बनाने के लिए रिफॉर्म किए हैं। उन्होंने कहा, “इनकम टैक्स रिफंड की बात हो, रिफॉर्म का परिणाम है। कैशलेस असेसमेंट की बात हो, रिफॉर्म का परिणाम है।” श्री मोदी ने कहा, “12 लाख तक की आय को इनकम टैक्स से मुक्ति दे देना। देश का जो भविष्य बनाने में उत्सुक है, ऐसा मेरा मध्यम वर्ग का परिवार आज फूला नहीं समा रहा है। कभी किसी ने सोचा नहीं था कि 12 लाख रुपए तक का इनकम टैक्स जीरो कर दिया जाएगा। आज कर लिया है।”उन्होंने कहा कि जब देश का सामर्थ्य बढ़ता है तो देशवासियों को लाभ मिलता है। अंग्रेजों के जमाने से दंड संहिता में हम दबे पड़े थे। दंड का भय दिखाकर के जीवन चल रहा था, 75 साल आजादी के ऐसे ही गए। हमने दंड संहिता को खत्म कर दिया। न्याय संहिता को ले आए हैं। न्याय संहिता में भारत के नागरिक के प्रति विश्वास का भाव है। भारत के नागरिक के अंदर अपनेपन का भाव है। संवेदनशीलताओं से भरा हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “रिफॉर्म की यात्रा को तेज करने के लिए बीड़ा उठाया है। हम बहुत तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं।”उन्होंने कहा, “राजनीतिक दल और मेरे प्रतिस्पर्धी साथी भी देश के इस उज्ज्वल भविष्य के लिए आगे आएं। हमारा साथ दें।” श्री मोदी ने कहा, “बुनियादी बदलाव की बात हो, रेगुलेटरी रिफॉर्म्स की बात हो, पापॅलिसी रिफॉर्म की चर्चा हो, प्रोसेस रिफॉर्म की चर्चा हो, कांस्टीट्यूशनल रिफॉर्म करने की जरूरत हो, हर प्रकार के रिफॉर्म्स, ये आज हम मकसद बनाकर के चले हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म्स के लिए हमने एक टास्क फोर्स गठित करने का निर्णय किया है। यह टास्क फोर्स समय सीमा में इस काम को पूरा करें। वर्तमान नियम, कानून, नीतियां, रीतियां 21वीं सदी के अनुकूल, वैश्विक वातावरण में अनुकूल और भारत को 2047 में विकसित राष्ट्र बनाने के संदर्भ में नए सिरे से तैयार हो और उसका समय सीमा में अपना कार्य पूरा करने के लिए टास्क फोर्स की रचना की है।”
उन्होंने कहा कि रिफॉर्म्स के कारण जो नए लोग अपना भविष्य बनाना चाहते हैं उनको तो हिम्मत मिलेगी। स्टार्टअप्स, लघु उद्योग या गृह उद्योग हो, उन उद्यमियों को उनकी कंप्लायंस लागत बहुत कम हो जाएगी। उसके कारण उनको एक नई ताकत मिलेगी। जो एक्सपोर्ट की दुनिया में उनको लॉजिस्टिक सपोर्ट के कारण व्यवस्थाओं में बदलाव के कारण उनको एक बहुत बड़ी ताकत मिलेग।
प्रधानमंत्री ने कहा, “ऐसे-ऐसे कानून हैं हमारे देश में छोटी-छोटी चीजों के लिए जेल में डालने के कानून हैं। आप हैरान हो जाएंगे। किसी ने नजर नहीं दौड़ाई। मैं पीछे लगा हूं। ये मेरे देश के नागरिकों को जेल में बंद करने वाले जो अनावश्यक कानून हैं। वो खत्म होने चाहिए। हम संसद में पहले भी बिल लाए थे। इस बार भी लेकर के आए हैं।”
उन्होंने कहा, ”दिवाली में आपके डबल दिवाली का काम मैं करने वाला हूं। इस दिवाली मैं आपको एक बहुत बड़ा तोहफा देशवासियों को मिलने वाला है। पिछले 8 साल से हमने जीएसटी का बहुत बड़ा रिफॉर्म किया। पूरे देश में टैक्स के बोझ को काम किया। टैक्स की व्यवस्थाओं को सरल किया और 8 साल के बाद समय की मांग है कि हम एक बार इसको मूल्यांकन करें। इसके लिए हाई पावर कमेटी को बिठाकर के मूल्यांकन शुरू किया और राज्यों से भी विचार विमर्श किया।”